प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुवैत की दो दिवसीय यात्रा पर हैं. इस दौरान कुवैत में 'हला मोदी' कार्यक्रम में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत के पास वह कौशल, तकनीक, नवाचार और मानव शक्ति है, जिसकी "नए कुवैत" को जरूरत है, उन्होंने कहा कि दोनों देश दिल के बंधन से जुड़े हुए हैं. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "भारत और कुवैत अरब सागर के दो तटों पर स्थित हैं; हमें सिर्फ कूटनीति ही नहीं जोड़ती, बल्कि दिल के रिश्ते भी जोड़ते हैं. भारत और कुवैत के बीच संबंध सभ्यता, समुद्र, स्नेह, व्यापार और वाणिज्य के हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम मोदी कार्यक्रम में बोलते हुए कहा, "व्यापार और नवाचार के माध्यम से कुवैत एक गतिशील अर्थव्यवस्था बनना चाहता है. ऐसे में भारत भी नवाचार और अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है... भारत के पास वह कौशल, प्रौद्योगिकी, नवाचार और जनशक्ति है, जिसकी 'नए' कुवैत को जरूरत है.
'किसी प्रधानमंत्री को यहां आने में 4 दशक लग गए'
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले 43 सालों के बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री इस देश का दौरा कर रहा है. उन्होंने कहा, "यह मेरे लिए विशेष क्षण है. 43 वर्षों, यानी चार दशकों से अधिक समय के बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री कुवैत आया है. भारत से कुवैत पहुंचने में चार घंटे लगते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री को यहां पहुंचने में चार दशक लग गए.
PM मोदी ने भारतीय प्रवासियों की भी सराहना की
इस दौरान पीएम मोदी ने कुवैत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए भारतीय प्रवासियों की भी सराहना की. उन्होंने कहा, "मैं अभी ढाई घंटे पहले ही कुवैत पहुंचा हूं, जब से यहां कदम रखा है, मुझे चारों तरफ एक अलग ही अपनापन, एक अलग ही गर्मजोशी का एहसास हो रहा है. आप सभी भारत के अलग-अलग राज्यों से आए हैं, लेकिन आप सभी को देखकर ऐसा लग रहा है जैसे एक छोटा हिंदुस्तान मेरे सामने आ गया हो.
दो दिवसीय यात्रा पर PM मोदी कुवैत पहुंचे
पीएम मोदी ने कहा कि कुवैत का नेतृत्व भी भारतीय प्रवासियों की प्रशंसा करता है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर कुवैत पहुंचे. कुवैती अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा ने पीएम मोदी को कुवैत आने का न्योता दिया था. भारतीय अधिकारियों ने कहा कि रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग को मजबूत करना इस यात्रा का मुख्य फोकस होगा.
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