Maharashtra Assembly Elections: 'साहेब ने परिवार में डाली फूट', महाराष्ट्र चुनाव से पहले भतीजे अजित का चाचा शरद पवार पर बड़ा आरोप

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 Maharashtra Assembly Elections: महाराष्ट्र चुनाव से पहले अजित पवार ने चाचा शरद पवार पर बड़ा आरोप लगाया है. उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने परिवार में विभाजन की नींव रखी. सोमवार को एक सभा में अजित पवार ने कहा कि उन्होंने पहले अपनी गलती स्वीकार की थी, लेकिन अब अन्य लोग भी गलतियां कर रहे हैं. 

अजित पवार के भतीजे और शरद पवार के पोते, युगेंद्र पवार, बारामती से एनसीपी-एसपी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं. अजित पवार पिछले कई सालों से इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. उन्होंने अपने चुनावी संबोधन में कहा कि उनकी मां ने उन्हें समर्थन दिया और सलाह दी कि उनके खिलाफ कोई नामांकन न भरे. हालांकि, उन्हें बताया गया कि ‘साहेब’ यानी शरद पवार ने किसी को उनके खिलाफ नामांकन दाखिल करने का निर्देश दिया है.

"साहेब ने परिवार में डाली फूट"

अजित पवार ने शरद पवार की ओर इशारा करते हुए कहा, "साहेब ने परिवार में फूट डालने का काम किया है. राजनीति को इतने निम्न स्तर पर नहीं लाना चाहिए, क्योंकि परिवार को एकजुट करने में कई पीढ़ियाँ लग जाती हैं और इसे तोड़ने में एक पल भी नहीं लगता."

उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्यों का भी जिक्र किया और कहा, "कुछ लोग बारामती में किए गए विकास कार्यों पर सवाल उठाते हैं. लेकिन विकास का मतलब सिर्फ सड़कें बनाना या स्कूलों का निर्माण करना नहीं है. मुझे समझना होगा कि असली विकास क्या है और कैसे इसे पूरा किया जा सकता है ताकि जनता को इसका सही लाभ मिल सके."

पहले 2019 में फिर 2023 में की बगावत

23 नवंबर 2019 को अजित पवार ने सभी को चौंका दिया जब उन्होंने सुबह-सुबह देवेंद्र फडणवीस के साथ उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली, इस कदम को कई लोगों ने उनके चाचा शरद पवार के खिलाफ 'तख्तापलट' के रूप में देखा. लेकिन कुछ दिनों बाद, शरद पवार ने उन्हें वापस एनसीपी में लाने में सफलता पाई, जिसके बाद अजित पवार महा विकास अघाड़ी सरकार में उपमुख्यमंत्री बने.

2023 में अजित पवार ने फिर से बगावत कर अपने चाचा की पार्टी में विभाजन किया और आठ विधायकों के साथ मिलकर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति गठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. फरवरी 6 को चुनाव आयोग ने अजित पवार के गुट को असली एनसीपी के रूप में मान्यता दी.

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