रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट रायपुर पहुंच चुके हैं। एयरपोर्ट पर पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने कहा कि, छत्तीसगढ़ को दो नए सचिव मिले हैं…मेरा दो दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरा है। आने वाले समय में जो गतिविधियां होंगी उनको लेकर चर्चा होगी। छत्तीसगढ़ में उप चुनाव, पालिका के चुनाव उस पर चर्चा करेंगे, वरिष्ठ नेताओं से मंथन करेंगे। नए सचिव पूरे प्रदेश में दौरा करेंगे, कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे।
प्रदेश के हालात लोगों से छिपे नहीं है, आमतौर पर दो-तीन साल के बाद सीएम हाऊस घेराव होता है, छत्तीसगढ़ में 9- 10 महीने नहीं हुए हैं.. सरकार हर मोर्चे पर असफल हो रही है। सरकार के पदाधिकारी मुखर होकर बोल रहे हैं। जो घोषणा पत्र मे वादा किए थे, वह पूरे नहीं हो पा रहे हैं। डबल इंजन की सरकार से लोग परेशान है, खासकर किसान लॉ एंड ऑडर को लेकर भी स्थिति खराब है। कांग्रेस के नेताओं को टारगेट करना ,एजेंसियों का गलत उपयोग करना ,चरित्र हरण करना प्राथमिकता में सरकार की है।
अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे को लेकर कहा
अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे को लेकर कहा कि… उनके दल का निर्णय है. लोकतंत्र में अंतिम निर्णय जनता का होता है। कांग्रेस पार्टी हर चुनौती के लिए तैयार है, अभी दो राज्यो में चुनाव होना है। दोनों राज्य में प्रचंड बहुमत के साथ गठबंधन जीतकर आएगा। कांग्रेस पार्टी पूरी तरह तैयार है ,भारत सरकार ने पिछले कई सालों से अपने पद का दुरुपयोग किया है।
प्रधानमंत्री जम्मू कश्मीर गए वहां जाकर विपक्ष इंडिया एयरलाइंस पर आरोप लगा रही है। संविधान से छेड़छाड़ की बात बीजेपी नेताओं ने की थी, जो चुनाव में बड़ा मुद्दा बन गया था। जनता समझ चुकी हैं ,बीजेपी बैकफुट पर है, राहुल गांधी के नेता प्रतीक्षा बनने के बाद विपक्ष एजेंडा तय करता है…हर मोर्चे पर सरकार को अपना निर्णय वापस लेना पड़ रहा है..कांग्रेस हर चुनौती के लिए तैयार है.. संगठन बदलाव को लेकर उन्होंने कहा कि, पद खाली पड़े है। हम ब्लॉक जिला प्रकोष्ठ, पुराने नेताओं की जगह नया ऊर्जावान लोगों को मौका मिले ,इसकी रूपरेखा तैयार कर रहे हैं।
बीजेपी के सदस्यता अभियान पर कहा कि, खुद को बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बताती है। लोगों को भ्रमित करने में लगे हैं, जो 400 पार का नारा दिया वह अब मिस कॉल से मेंबर बना रहे हैं, जुमलेबाजी, नारेबाजी से लोगो को प्रभावित करने का काम बंद करें। मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के पास कोई अधिकार नहीं है। सारे निर्णय दिल्ली से होते हैं। केंद्र के आम बजट में भी छत्तीसगढ़, राजस्थान को कुछ नहीं मिला।
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