कटघोरा -" हिंदी के माध्यम से राष्ट एकता और अखंडता को बल तो मिलता ही है साथ ही राष्ट्र विकास को में भी हिंदी का विशेष योगदान है। हिंदी केवल शिक्षा का माध्यम ही नहीं अपितु राष्ट्रीय अस्मिता,भारतीय संस्कृति एवं मानवीय मूल्य संवर्धन करते हुए वैश्विक संवाद स्थापित कर अपनी भाषायी पहचान बनाने का उपयुक्त साधन भी है।"उक्त उद्गार प्रोफेसर (डॉ.)प्यारेलाल आदिले प्राचार्य जय बूढ़ादेव कला एवं विज्ञान महाविद्यालय कटघोरा ने महाविद्यालय में आयोजित हिंदी दिवस कार्यक्रम में ब्यक्त किया। इस कार्यक्रम में छात्र सुजाता सिंह,नम्रता,श्वेता, माया,अन्नु,सरिता,रवीना घनश्याम,शुभम,हरीश,अखिलेश एवं आर्यन घृतलहरे ने अपना विचार व्यक्त किया। प्राध्यापकों में सी.एस.रात्रे,किशोर दिवाकर, आर.जी.यादव,जी.लता चंद्रकली अनन्त, खुशनुमा परवीन,निधी जयसवाल,ओम प्रकाश सिंह ,जी लता ने हिंदी के महत्व पर प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के छात्र छात्राओं ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। इसमें दुर्गेश महिपाल, सुनील जायसवाल,माधुरी जायसवाल,धर्मेद्र निर्मलकर शामिल हुए।
"हिंदी राष्ट्र एकता और विकास दोनों को बल देता है - प्रोफेसर प्यारेलाल आदिले "
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