बीएसपीएस का राष्ट्रीय सम्मलेन 19-20 अक्टूबर को झारखंड की राजधानी रांची में होगा आयोजित : डॉ इन्दु बंसल

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- देश भर के 22 राज्यों से 500 से अधिक पत्रकारों का होगा जमावड़ा

- पत्रकारों की समस्याओं को लेकर देश भर के पत्रकार करेंगे मंथन

- देश भर के सभी पत्रकार संगठनों को एक मंच पर लाने की होगी पहल


24 सितम्बर 2024, रांची (ब्यूरो): आज भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ के राष्ट्रीय सम्मेलन की तैयारी को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक रांची स्थित झारखंड मंत्रालय में हुई। बैठक में राष्ट्रीय महासचिव शाहनवाज़ हसन, राष्ट्रीय सचिव   चंदन मिश्र, प्रदेश अध्यक्ष  

संपूर्णानंद भारती,   शुभाशीष झा, शैलाज सिंह एवं नईम खान शामिल हुए उक्त जानकारी देते हुए बीएसपीएस की राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ इन्दु बंसल ने बताया कि

राष्ट्रीय सम्मेलन झारखण्ड की राजधानी रांची में 19-20 अक्टूबर को आयोजित किए जाने को लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अशोक पाण्डेय से दूरभाष पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सहमति मिलने के उपरांत तिथि निर्धारित की गई।

डॉ बंसल ने बताया कि देश भर के पत्रकार शनिवार की सुबह रेल, सड़क एवं हवाई मार्ग से झारखंड की राजधानी रांची पहुंचेंगे। 19 अक्तूबर शनिवार की सुबह 11 बजे सम्मेलन का विधिवत उद्घाटन मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों द्वारा किया जाएगा। डॉ बंसल ने कहा कि कार्यक्रम में पत्रकारों के राष्ट्रीय एजेंडे पर देश भर की सभी 22 राज्य इकाई के अध्यक्ष अपनी अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।  दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे तक देश के दो बड़े संत पत्रकारिता और अध्यात्म पर मार्गदर्शन देंगे। शाम में टी ब्रेक के उपरांत रंगारंग कार्यक्रम देश भर के विभिन्न राज्यों से आए पत्रकारों के अंदर छिपे कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे. झारखंड के अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लोक कलाकार भी अपनी प्रस्तुति देंगे। 

रात्रि भोजन के उपरांत रांची में ही सभी पत्रकार रात्रि विश्राम करेंगे। 20 अक्तूबर रविवार की सुबह नाश्ते के उपरांत पतरातू घाटी के मनोरम दृश्यों का नज़ारा कर सभी पत्रकार प्रसिद्ध रजरप्पा मंदिर के लिए प्रस्थान करेंगे।


रजरप्पा में स्थित मां छिन्नमस्तिका मंदिर:


झारखंड के रामगढ़ ज़िले के रजरप्पा में स्थित मां छिन्नमस्तिका मंदिर के बारे में कई मान्यताएं और कथाएं प्रचलित हैं.पुराणों में रजरप्पा मंदिर का उल्लेख शक्तिपीठ के रूप में मिलता है। मंदिर के निर्माण काल के बारे में पुरातात्विक विशेषज्ञों में मतभेद है। कई विशेषज्ञ का कहना है कि इस मंदिर का निर्माण 6000 साल पहले हुआ था और कई इसे महाभारतकालीन का मंदिर बताते हैं। यहाँ कई मंदिर हैं जिनमें 'अष्टामंत्रिका' और 'दक्षिण काली' प्रमुख हैं।

राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ बंसल ने कहा मंदिर में दर्शन के उपरांत दोपहर का भोजन कर रांची के लिए वापसी होगी. रांची लौटने पर विभिन्न राज्यों से झारखंड पहुंचने वाले पत्रकार साथी अपने गंतव्य की ओर रेल, सड़क एवं हवाई मार्ग से लौटेंगे।


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